नई दिल्ली : वर्चुअल वर्ल्ड! एक ऐसी दुनिया है, जहां सब कुछ चमकदार और शानदार दिखता है। इसका संसार असली दुनिया से अलहदा है, क्योंकि वहां खुलापन है। सभी खुश दिखते हैं। दूसरी तरफ, रियल वर्ल्ड के अपने कायदे-कानून हैं। एक बंधन है… नई पीढ़ी को बंधन के बजाय खुलापन आकर्षित कर रहा है। असली दुनिया के बजाय वो वर्चुअल वर्ल्ड में डूबे रहते हैं। इसके जरिए कई अपराध भी पनप रहे हैं। इसका फायदा गैंगस्टर्स तक उठा रहे हैं। इसकी बानगी कुछ यूं समझ सकते हैः
केस नंबर 1
14 साल की लड़की जामिया नगर में रहती है। इंस्टाग्राम के जरिए सीलमपुर के 16 साल के लड़के से अगस्त में दोस्ती हुई। लड़के ने 13 सितंबर को कॉल कर बताया कि उसका बर्थडे है। लड़की ने रात में आने से इनकार कर दिया। लड़के ने एसिड अटैक की धमकी दी। लड़की घबरा गई और सहेली के साथ शाम 6 बजे होटल में गई। कमरे में एंट्री की तो दो लड़के पहले से थे। दोनों लड़कियां लौटने लगी। लड़कों ने वॉशरूम में बंद कर दिया। लड़की ने फोन से अपनी बहन को मेसेज कर दिया। परिजन होटल पहुंचे। तीनों लड़के झगड़ने लगे और लड़की के भाई की पीठ पर चाकू मार दिया। तीनों फरार हो गए। तीनों नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के नाबालिगों के ‘अल्लू गैंग’ के मेंबर थे। एक हफ्ते में लूट की चार वारदात कर मौज-मस्ती के लिए होटल गए थे। नॉर्थ ईस्ट जिला पुलिस ने बाद में इन्हें पकड़ा।
केस नंबर 2
राजौरी गार्डन बर्गर किंग रेस्टोरेंट में 18 जून को हुए हत्याकांड की मुख्य आरोपी अनु धनखड़ महज 19 साल की है। विदेश में बैठे 21 साल के कुख्यात गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ के सोशल मीडिया पर चलने वाली रील्स और मीडिया में उसकी कारगुजारियों के किस्सों से इंप्रेस हो गई। एक साल पहले इंस्टाग्राम के जरिए भाऊ के टच में आ गई। भाऊ ने अमेरिका के सपने दिखाए। पढ़ाई छोड़ वह भाऊ के लिए काम करने लगी। 21 जनवरी 2024 को सोनीपत के गोहाना स्थित मातुराम हलवाई की शॉप पर दो करोड़ की रंगदारी के लिए गोलियों की बौछार करवाई। अपराध की दुनिया में आ गई। बर्गर किंग हत्याकांड के बाद चार महीने तक फरार रही। खर्चा भाऊ भेजता था। पुलिस ने 24 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया। इस तरह से फंसने के किस्सों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।
‘गुर्गे सोशल मीडिया पर एक्टिव’
दिल्ली पुलिस के एक आला अफसर बताते हैं कि विदेश भाग चुके और जेल के भीतर बंद गैंगस्टर और इनके गुर्गे सोशल मीडिया के जरिए एक्टिव हैं। नई उम्र के लड़के और लड़कियां इन्हें फॉलो करते हैं। इनकी रील्स पर कमेंट्स भी करते हैं। धीरे-धीरे चैटिंग होने लगती है। गैंगस्टर और उनके गुर्गे जाल में फंसाना शुरू करते हैं। अगर कोई छोटे-मोटे अपराध में शामिल रहा है तो उसे टारगेट करना आसान हो जाता है। इंटरनैशनल क्राइम सिंडिकेट दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल, महाराष्ट्र और राजस्थान में जबरन वसूली का धंधा चला रहे हैं। सट्टा ऑपरेटर, फर्जी कॉल सेंटर, बिल्डर, ड्रग माफिया, बिजनेसमैन और नामी सेलिब्रेटीज इनके टारगेट पर रहते हैं। गैंगस्टर विदेश या जेल से कॉल कर करोड़ों रुपये मांगते हैं। ये पैसा देने में आनाकानी करते हैं तो फायरिंग करा कर दहशत में लाने का काम शुरू होता है।
‘गैंगस्टर मौज में, लड़के जेल में’
पुलिस अफसर बताते हैं कि तलाश शुरू होती है शार्पशूटरों की। सोशल मीडिया से रिक्रूट हुए लड़कों को काम सौंपा जाता है। हथियार दिए जाते हैं और टारगेट बताया जाता है। विरोधी गैंग मेंबरों की हत्या तक करवाई जाती है। विदेश बुलाने और तमाम लालच देकर इन लड़के-लड़कियों के जरिए दहशत फैला कर गैंगस्टर करोड़ों रुपये हवाला के जरिए विदेश मंगवा रहे हैं। वहां ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं और प्रॉपर्टी बना रहे हैं। यही काम में जेल में बैठे गैंगस्टर और बदमाश कर रहे हैं। इनके लिए जान जोखिम में डाल रहे छोटी उम्र के लड़के-लड़कियों की जिंदगियां बर्बाद हो रही है और उन्हें जेल में सड़ना पड़ रहा है। इनके परिवार शर्मसार रहते हैं।
ऐसे हुआ था साजिश का खुलासा
पिछले साल हरी नगर आश्रम में एक घर के गेट पर फायरिंग हुई। पीड़ित को इंटरनैशनल नंबर से वॉयस मेसेज आए। लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई बताते हुए 2 करोड़ की रंगदारी मांगी। क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के चुरू के 16 और 17 साल के दो नाबालिग पकड़े, जबकि गुजरात के हरैन उर्फ डेविल को धौलाकुआं से दबोचा। खुलासा हुआ कि अनमोल ने काम सौंपा था। संपत नेहरा के एक एजेंट ने सोशल मीडिया के जरिए ये नाबालिग गैंग में शामिल किए थे। गुजरात का हरैन इंस्टाग्राम के जरिए अनमोल से जुड़ा था। नरेला में एक प्रॉपर्टी डीलर पर तीन लड़कों ने फायरिंग की। विदेश में बैठे गैंगस्टर अक्षय ने रंगदारी मांगी। इन्हें भी सोशल मीडिया के जरिए गैंगस्टर नरेश सेठी ने रिक्रूट करवाया था।
इंस्टाग्राम में हिट होने की होड़
पुलिस अफसर बताते हैं कि इंस्टाग्राम में फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए नाबालिग कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो रहे हैं। सोशल मीडिया में हथियारों के साथ या बदमाशी वाले गानों पर रील्स बनाते हैं। मर्डर समेत कई तरह की वारदात को अंजाम देने के बाद ये नाबालिग सोशल मीडिया में इसका ऐलान करते हैं। इसके उनकी फॉलोअर्स की तादाद बढ़ती है, खासकर लड़कियों के बीच। ये जानते हैं कानून में उनके पास कई अधिकार हैं, जिस वजह से उनके साथ सख्ती तो होनी ही नहीं है और सुधार गृह से भी जल्द छूटने का पता होता है। इसलिए खुद भी खुलकर जुर्म करते हैं और गैंगस्टर भी उनका बखूबी इस्तेमाल करते हैं।
महानगरों में दिल्ली टॉप पर
- 19 महानगरों में सबसे ज्यादा अपराध दिल्ली के नाबालिग करते मिले हैं।
- नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2022 के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं।
- दिल्ली में 2022 के दौरान नाबालिगों पर 2340 केस दर्ज हुए, 3002 को पुलिस ने पकड़ा।
- 2147 संज्ञेय अपराध थे। मर्डर के 92 केस थे। लूट (235), कातिलाना हमले (154) और पॉक्सो (103) के केस थे।
- पकड़े नाबालिगों में से 2448 पैरंट्स के साथ रहते थे, जबकि 324 अभिभावकों या रिश्तेदार के साथ थे और 230 लड़के बेघर थे।
- पकड़े गए 392 स्कूल ही नहीं गए थे। 1032 प्राइमरी तक, 1267 नाबालिग 10वीं तक और 279 लड़के 12वीं तक पढ़े थे। महज 32 लड़के अंडर ग्रैजुएट थे।